तुम मेरे ज़ेहन में तस्वीर की तरह मत आओ,
दिल की गहराइयो में उतरता जाता है एक - एक लम्हा !!
तमन्नाये बनकर , उमड़ रहा है आँसूवो का तूफान !
कही दूर से आती है आवाज़ ,
यादो के साये उभरते है ज़ेहन में आहिस्ता - आहिस्ता!!
मचल उठती है तबियत उन सायो को पकड़ने के लिए ,
लेकिन वक्त मुझे आज से जोड़े रखता है ,
नयी दुनिया बसाने के लिए !!
........... मीतू................
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Thursday, July 8, 2010
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