Thursday, July 8, 2010

तुम मेरे ज़ेहन में तस्वीर की तरह मत आओ,

तुम मेरे ज़ेहन में तस्वीर की तरह मत आओ,

दिल की गहराइयो में उतरता जाता है एक - एक लम्हा !!

तमन्नाये बनकर , उमड़ रहा है आँसूवो का तूफान !

कही दूर से आती है आवाज़ ,

यादो के साये उभरते है ज़ेहन में आहिस्ता - आहिस्ता!!


मचल उठती है तबियत उन सायो को पकड़ने के लिए ,

लेकिन वक्त मुझे आज से जोड़े रखता है ,

नयी दुनिया बसाने के लिए !!

........... मीतू................
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